bawaseer ka safal ilaj kese karen?
jane bawaseer ka safal ilaj, डॉक्टर द्वारा बवासीर के क्या इलाज हैं?बवासीर से बचाव कैसे करें?बवासीर में क्या खाना चाहिए? aur bhi bahut kuch is lekh men.
लेख की विषय - सूची
बवासीर में आप क्या घरेलु उपाय अपना सकतें हैं ?
आप अपनी दिनचर्या में परिवर्तन लाके और कुछ घरेलू उपचारों से बवासीर की ठीक होने की प्रक्रिया को तेज़ कर सकते है। बवासीर का एक काफी सामान्य कारण मलत्यागते समय अनावश्यक ज़ोर लगाना है। तो अगर हम अपने खाने में फाइबर युक्त भोजन , जैसे -गेहूं , चना, सब्जियां , फल, इत्यादि का सेवन करें तो मल नरम होगा और मलत्यागने में आसानी होगी।
पानी का सेवन ज्यादा करने से भी कब्ज में आराम मिलता है और मलत्यागने में आसानी होती है, तो पानी का सेवन भी बढ़ाएं।
बवासीर के लक्षणों में राहत पाने के लिए निम्नलिखित तरीकों का पालन करें।
1- ज्यादा देर तक सौचालय में न बैठें। ज्यादा देर सौचालय में बैठने से आप के मलाशय पर जोर पड़ता है।
2- मल को रोकने की कोशिश न करें, जब भी मलत्यागने की इच्छा हो तो तुरंत सौचालय जाएं।
3- मल को नरम बनाने के लिए आप fibre suppliment या stool softner ,जैसे psyllium, का इस्तेमाल भी कर सकते हैं।
4- लक्षणों से राहत पाने के लिए आप sitz bath का इस्तेमाल भी कर सकतें हैं।
5- परेशानी को कम करने की लिए आप over the counter दवाओं (जैसे phenylephrine hemorrhoidal gel) का इस्तेमाल भी कर सकतें है।
6- over the counter दर्द निवारण दावा भी आप ले सकते है जैसे- acetaminophen, ibuprofen, naproxen।
Over the counter दवाएँ क्या होती हैं?
Over the counter दवाएँ वो होती है जो दावा की दुकानों पे बिना किसी डॉक्टर के पर्चे के मिल जाती है, जैसे podinhara, digene, multivitamin इत्यादि।
डॉक्टर द्वारा बवासीर के क्या इलाज हैं?
अगर बवासीर घरेलू उपचारों से ठीक नही हो रही हो तो डॉक्टर निम्नलिखित तरीकों को उपचार के लिए अपना सकता है।
1- Rubber band ligation-
Rubber band ligation एक तकनीक है जिसे डॉक्टर खूनी बवासीर और प्रोलैपसिंग बवासीर के मस्से को ठीक करने के लिए इस्तेमाल करतें है। इस प्रक्रिया में डॉक्टर बवासीर के मस्से के आधार( base of hemorrhoid) के आस पास एक विशेष रबर बैंड बढ़ देता है। ये रबर बैंड मस्से में खून के प्रवाह को रोक देता है।
एक हफ्ते के भीतर मस्से का वो हिस्सा जिसके नीचे रबर बैंड लगाया था सिकुड़ के गिर जाता है। इस तकनीक का उपयोग केवल डॉक्टर द्वारा ही किया जाना चाहिए, आप खुद से इससे इस्तेमाल करने की कोशिश न करें।
2- Sclerotherapy- इस प्रक्रिया में डॉक्टर internal hemorrhoids(बवासीर) में एक solution को डालता है जिससे scar tissue बनता है। वो scar tissue बवासीर में रक्त के प्रवाह को कम कर देता है जिससे बवासीर सिकुड़ने लगता है।
3- Infrared photocoagulation –
डॉक्टर एक यंत्र से infrared light को internal hemorrhoid पर डालता है । Infrared light की ऊर्जा से को गर्मी उत्पन्न होती है वो बवासीर में scar tissue बनाती है। ये scar tissue बवासीर में रक्त के प्रवाह को बंद कर देता है जिससे बवासीर सिकुड़ जाता है।
4- Electrocoagulation –
डॉक्टर एक यंत्र म मध्यम से internal hemorrhoids में बिजली का प्रवाह करता है। बिजली में जो विद्युत ऊर्जा है वो बवासीर में scar tissue बनाती है। और ये scar tissue बवासीर में रक्त के प्रवाह मो रोकता है जिसके कारण बवासीर सिकुड़ जाता है।
5- Hemorrhoidectomy-
अगर आप को large protruding hemorrhoid(बवासीर) या external बवासीर है जो ठीक नही हो रही है तो आप को सर्जरी की जरूरत पड़ सकती है। hemorrhoidectomy में बवासीर के पास एक चीरा लगा कि खराब blood vessels( रक्त वाहिकाओं) को निकल दिया जाता है।
Harward health publishing के एक लेख के अनुसार इस प्रक्रिया से करीब 95% मरीजों का इलाज किया जाता है और इसमें कॉम्प्लिकेशन भी कम देखने को मिलती है।
इस ऑपरेशन के दौरान मरीज़ को general anesthesia दिया जाता है। General anesthesia मरीज़ के पूरे शरीर को सुन्न कर देता है। मरीज़ आपरेशन के बाद उसी दिन घर जा सकतें है और करीब 7 से दस दिनों में काम पर भी लौट सकतें है।
6- hemorrhoid satpeling-
इस तकनीक का इस्तेमाल खूनी बवासीर और prolapsed internal hemorrhoid को ठीक करने में किया जाता है।इसमे डॉक्टर एक stapling यंत्र का इस्तेमाल करके hemorrhoid को उसकी नार्मल पोजीशन में बंध देता है।Hemorrhoidectomy की तरह ही इस तकनीक में भी general anesthesia का इस्तेमाल किया जाता है।
घरेलू इलाज या सर्जरी, दोनों में से ज्यादा असरदार और टिकाऊ इलाज कौंन सा है?
एक रिसर्च में वैज्ञानिकों ने 231 बवासीर के मरीजों का डेटा निकल जिनका इलाज 1990 से 2002 के बीच हुआ था। उन मरीजों में 51.5% मरीज़ ऐसे थे जिनका इलाज घरेलू उपचार व दवाओं द्वारा हुआ था। और 48.5% मरीज़ ऐसे थे जिनका इलाज सर्जरी द्वारा हुआ था।
वैज्ञानिकों ने पाया कि ऐसे मरीज़ जिनका इलाज दवाओं और घरेलू उपचारों द्वारा हुआ है, उनमे बवासीर के लक्षणों को जाने में औसतन 24 दिन लगे। वहीं सर्जरी द्वारा इलाज वाले मरीजों के लक्षणों को जाने में औसतन बस 3.9 दिन लगे।
उन्हों ने ये भी पाया कि सर्जरी से इलाज कराने वाले मरीज़ों में बवासीर के दोबारा लौटने की दर 6.3% थी, और बवासीर के लौटने का औसत समय करीब 25 महीने था। वहीं दवाओं व घरेलू उपचार वाले मरीजों में बवासीर की लौटने की दर 25.4% थी , और बवासीर के लौटने का औसत समय करीब 7 महीने।
घरेलू उपचार व दवाओं से इलाज | सर्जरी से इलाज | |
बवासीर के ठीक होने का औसत समय | 24 दिन | 3.9 दिन |
बवासीर के दोबारा लौटने की दर | 25.4% | 6.3% |
बवासीर के लौटने का औसत समय | 7 महीने | 25 महीने |
बवासीर से बचाव कैसे करें?
बवासीर से बचने के लिए अपने खान पान में बदलाव लाये और निरंतर एक्सरसाइज करें। एक्सरसाइज से आप का पेट स्वाथ रहेगा और मल त्यागने में भी परेशानी नही होगी।
खाने में फाइबर युक्त भोजन का सेवन बढ़ायें और खूब सारा पानी और तरल पदार्थों का सेवन करें । अगर निरंतर कठोर मल आ रहा हो तो stool softner( मल कोमल करने की दवा) भी ले सकते है।
और अगर आप मोटापे से ग्रस्त है तो वजन कम करें। वजन कम करने से आप के मलाशय की नसों पे दबाव काम पड़ेगा जिससे बवासीर होने का खतरा कम होगा।
मलत्यागते समय अनावश्यक जोर न लगाएं, और सौचालय में ज्यादा देर तक न बैठें।
बवासीर में क्या खाना चाहिए?
बवासीर में आप को फाइबर युक्त भोजन का सेवन करना चाहिए। फाइबर युक्त भोजन के सेवन से मल में ढीलापन आता है और माल त्यागने में आसानी होती है, जिससे बवासीर में आराम मिलता है।
जब आप अपने भोजन में फाइबर का सेवन बढ़ाए, तब उसी के साथ आप को तरल पदार्थों का सेवन भी बढ़ाना चाहिए। अगर आप फाइबर का सेवन बढ़ाएंगे और उसके साथ तरल पदार्थों का सेवन नही बढ़ाएंगे तो आप को कब्ज की समस्या भी हो सकती है।
Medline plus के एक लेख के अनुसार, फाइबर का daily recommended intake(DRI) एक वयस्क( 19 – 50 साल ) के लिए -25 gm प्रतिदिन महिलाओं का और 38 gm प्रतिदिन पुरुषो का है। इसका मतलब एक 19 से 50 साल की उम्र के पुरुष को 38 ग्राम फाइबर प्रतिदिन लेना चाहिए।
आप फाइबर का सेवन बढ़ाने के लिए निम्न प्रकार के भोजनो का इस्तेमाल कर सकते हैं।
- सब्जियाँ
- फल
- दालें
- सबूत अनाज( whole grain)
- नट्स
सब्जियँ | दालें | नट्स और बीज | फल | अनाज |
पालक, कच्चे गाजर, चौली साग | मसूर दाल | सूरजमुखी के बीज | सेब और केला | जावै |
शतावरी, | लोभिया | बादाम | आडू | चोकर |
broccoli | मटर दाल | पिस्ता | कीनू | मक्का |
हाँथी चक | राजमा | सूखा आलूबुखारा | गेंहू | |
लौकी | लिमा बीन्स | अंजीर | ||
घीया | काबुली चना | |||
string beans | नेवी बीन्स | |||
Arhar |
कुछ खाद्य पदार्थ और उनमे पाए जाने वाली फाइबर की मात्रा-
खाद्य पदार्थ | मात्रा | कैलोरीज | फाइबर की मात्रा ग्राम में |
High fiber bran ready-to-eat cereal | ⅓ – ¾ कप | 60-81 | 9.1-14.3 |
Navy beans, cooked | ½ कप | 127 | 9.6 |
Small white beans, cooked | ½ कप | 127 | 9.3 |
Yellow beans, cooked | ½ कप | 127 | 9.2 |
Shredded wheat ready-to-eat cereal | 1-1 ¼ कप | 155-220 | 5-9 |
Cranberry (roman) beans, cooked | ½ कप | 120 | 8.9 |
Pigeon peas, (अरहर की दाल)cooked | ½ कप | 102 | 5.6 |
Adzuki beans, cooked | ½ कप | 147 | 8.4 |
French beans, cooked(सेम) | ½ कप | 114 | 8.3 |
Split peas, cooked(मटर दाल) | ½ कप | 114 | 8.1 |
Chickpeas, canned(काबुली चना) | ½ कप | 176 | 8.1 |
Lentils, cooked (मसूर दाल) | ½ कप | 115 | 7.8 |
Pinto beans, cooked | ½ कप | 122 | 7.7 |
Black beans, cooked(लोभिया) | ½ कप | 114 | 7.5 |
Artichoke( हाँथी चक) | ½ कप | 45 | 7.2 |
Lima beans, cooked | ½ कप | 108 | 6.6 |
Wheat bran flakes ready-to-eat cereal (various) | ¾ कप | 90-98 | 4.9-5.5 |
Sunflower seed (सूरजमुखी के बीज) kernels, dry roasted | 1 ounce= 28.35 ग्राम | 165 | 3.1 |
Banana(केला) | 1 medium | 105 | 3.1 |
Pistachios, dry roasted( पिस्ता) | 1 ounce= 28.35 ग्राम | 161 | 2.8 |
Pecans, oil roasted | 1 ounce= 28.35 ग्राम | 203 | 2.7 |
Peanuts, oil roasted(मूंगफली) | 1 ounce= 28.35 ग्राम | 107 | 2.7 |
Pears, dried (नाशपाती) | ¼ कप | 118 | 3.4 |
Almonds(बादाम) | 1 ounce= 28.35 ग्राम | 164 | 3.5 |
Popcorn, air-popped | 3 कप | 93 | 3.5 |
Figs, dried(अंजीर) | ¼ कप | 93 | 3.7 |
Chia seeds, dried | 1 चम्मच | 58 | 4.1 |
बवासीर में क्या नहीं खाना चाहिए?
अगर आप को बवासीर है तो इन खाद्य पदार्थो से दूर रहें-
1- पनीर
2- चिप्स
3- ice cream
4- मीट
5- processed food, जैसे बर्गर, हॉट डॉग, इत्यादि।
Reference
National institute of diabetes and digestive and kidney diseases– NIDDK
how to treat hemorrhoids- NCBI
Thrombosed external hemorrhoids: outcome after conservative or surgical management.
Eating, Diet, & Nutrition for Hemorrhoids- NIDDK
Dietary Fiber: Food Sources Ranked by Amounts of Dietary Fiber